किसानों के साथ – साथ मजदूरों , हम्मालों , छोटे धंधों वालों का भी शोषण जारी है । या तो उन्हें काम मिलता नहीं , या मिलता है तो मजदूरी बहुत कम मिलती है । मध्यप्रदेश सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है , लेकिन हम्मालों के लिए महाराष्ट्र के माथाड़ी कानून जैसा कानून बनाने की कोई पहल आज तक नहीं की है । सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी बहुत कम तय की जाती है , लेकिन ज्यादातर मजदूरों को वह भी नहीं मिल पाती है । रोजगार गारंटी कानून में सभी जगहों यही शिकायत है । “टास्क रेट” मजदूरों के शोषण का माध्यम बन गया है। तेंदु पत्ता तोड़ने वालों की मजदूरी कई साल बाद मात्र ५ रुपये बढ़ाकर ४५ रुपये प्रति सैंकड़ा गड्डी की है , जिससे जाहिर है कि स्वयं सरकार मजदूरों व आदिवासियों को लूट रही है । यह मजदूरी कम से कम १२० रुपये होनी चाहिए । शिक्षा में संविदा शिक्षक , शिक्षाकर्मी , अतिथि शिक्षक , गुरुजी जैसे कई कैडर बनाकर सरकार ने उनको कम वेतन देने के तरीके निकाले हैं । दूसरी ओर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा करके सरकार ने अफसरों के वेतन भत्ते में काफी ज्यादा बढोतरी का रास्ता साफ कर दिया है । पांचवे वेतन आयोग की तरह छठे आयोग ने भी सबसे ज्यादा वेतन प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अफसरों के ही बढ़ाये हैं । इससे देशी विदेशी कंपनियों के मंहगे सामानों की बिक्री एकाएक बढ़ गयी है और उपभोक्तावादी संस्कृति को काफी बढ़ावा मिला है ।
गरीबों के मामले में प्रदेश सरकार की कंजूसी इससे दिखाई देती है कि वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन में केन्द्र सरकार का हिस्सा बढ़ाने पर प्रदेश सरकार ने अपना हिस्सा नहीं बढ़ाया और ४०० की जगह मात्र २७५ रु. ही दे रही है । दूसरी ओर , बड़ी बेशर्मी से से विधायकों , सांसदों , मंत्रियों आदि ने अपने वेतन – भत्ते काफी बढ़ा लिए हैं । राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के वेतन तो एक झटके में तीन गुना कर दिए गए हैं ।
समाजवादी जनपरिषद इस बंदरबांट की घोर निन्दा करती है । समय आ गया है कि आमदनी व मजदूरी की इस घोर गैर बराबरी को खतम किया जाये । शारीरिक मेहनत करने वाले को भी बराबर का हकदार माना जाए । अदिकतम और न्यूनतम वेतन की सीमा तय की जाए और उसमें १० गुने से ज्यादा फर्क न हो ।
विधान सभा चुनाव में भाग लेने हेतु समाजवादी जनपरिषद के छ: सूत्र
मध्यप्रदेश विस चुनाव , २००८ में भाग लेने हेतु समाजवादी जनपरिषद के छ: सूत्र
१. समाजवादी जनपरिषद देश को व दुनिया को बदलने के लिए , व्यवस्था-परिवर्तन के लिए ,समाजवाद को लाने के लिए समर्पित दल है ।
२ .इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए आम जनता के हक के लिए लड़ने वाली , जनता की ताकत बनाने वाली , नयी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए इस चुनाव में भाग लेगी ।
३. समाजवादी जनपरिषद चुनाव में दारू बांटने , पैसे-साड़ी-कंबल जैसे लालच देने , फिजूलखर्ची व रंगदारी का विरोध करेगी । सजप सादगी से चुनाव लड़ेगी।
४. समाजवादी जनपरिषद धर्म और जाति के आधार पर वोट नहीं मांगेगी । साम्प्रदायिकता और जातिवाद की रजनीति का विरोध करेगी ।
५. समाजवादी जनपरिषद आम जनता से ‘एक वोट-एक नोट’ मांगेगी , जनता के मुद्दों को चुनाव के केन्द्र में लाएगी और जनता की ताकत के आधार पर चुनाव लड़ेगी ।
६. समाजवादी जनपरिषद चुनाव के लिए प्राप्त चंदे और खर्च का पूरा हिसाब जनता के बीच रखेगी ।
निवेदक : समाजवादी जनपरिषद , मध्य प्रदेश ।