गत १० फरवरी से हरदा और होशंगाबाद की जेलों में फर्जी मामलों में बन्द समाजवादी जनपरिषद , म. प्र. की उपाध्यक्ष साथी शमीम मोदी की जमानत की अर्जी जबलपुर उच्च न्यायालय ने मंजूर कर ली है ।
शमीम की गिरफ़्तारी के विरुद्ध देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए । आज दिल्ली में मध्य प्रदेश भवन पर विभिन्न जन संगठनों के करीब ३५ लोगों ने प्रदर्शन किया और आवासी आयुक्त को एक ज्ञापन सौंप कर फर्जी मुकदमे वापस लेने की माँग की । शमीम की मातृ-संस्था टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेस के शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन प्रतिवेदन पर अब तक ४८४ लोगों ने समर्थन जताया है । हिन्दी चिट्ठेकारों ने भी प्रतिवेदन पर समर्थन जताया है ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ८ मार्च को शमीम के कार्य क्षेत्र हरदा में ‘लड़ेंगे – जीतेंगे’ की भावना से दमन के विरुद्ध महिलाओं की एक रैली आयोजित की गयी है ।
शमीम मोदी की रिहाई का आदेश
मार्च 3, 2009 अफ़लातून अफलू द्वारा
आपका प्रयास सफल होने पर आपको सलाम
बहुत खुशी की बात है। आपको व आपके सहयोगियों को बधाई कि आप सबकी मेहनत रंग लाई। आशा है उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण न्याय मिलेगा व वे जो सामाजिक कार्य कर रही हैं उसमें भी उन्हें सफलता मिलेगी।
घुघूती बासूती
अच्छी खबर सुनाई अफलातून जी
अब विश्वास है कि उन्हें न्याय भी मिलेगा जिनके हक़ की बात शमीम कर रहीं थीं
अभी अभी गीत भी सुना। मुझ जैसे लोगों में संघर्ष की हिम्मत तो नहीं है, न ही त्याग की अधिक भावना, न साहस, बस अन्याय ही न करूँ तो भी आत्मा को सांत्वना मिल जाती है।
जिनमें यह हिम्मत व यह भावना है उन्हें प्रणाम व उनकी सफलता की सदा कामना रहेगी।
घुघूती बासूती
अच्छी खबर है। भारतीय न्याय व्यवस्था में अभी बहुत कुछ शेष है। यदि जनता अदालतों में वृद्धि के लिए आंदोलित हो तो न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार को कम करने और शीघ्र न्याय पाने की संभावनाएँ और बढ़ जाएंगी। शमीम अब जमानत पर हैं। पर जनता के बीच मोबिलाइजेशन की आवश्यकता बढ़ गई है। जनता के बीच जाने के नए रास्ते तलाशने होंगे।
बधाइयां
आपके ही शब्दों में “चिट्ठाजगत की चेतना को प्रणाम!”