भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर इंग्लैंड की खनन कंपनी द्वारा नियमगिरी पहाड़ से बॉक्साइट खनन पर उस इलाके की ग्राम सभाओं की रायशुमारी ली गयी।एक भी वोट कंपनी द्वारा खनन के पक्ष में नहीं पड़ा। कंपनियों के हमदर्द नवीन पटनायक और नरेंद्र मोदी के लिए यह बहुत बड़ा झटका था। माओवादियों ने रायशुमारी के बहिष्कार की अपील की थी।आदिवासी ग्रामवासियों ने इसे अनसुना कर पूरे वोट डाले।रायशुमारी जिला सिविल जज की देखरेख में हुई।प्राकृतिक संसाधान पर स्थानीय आबादी का हक़ पुष्ट हुआ।देश के संसाधन कंपनियों को बेचने पर आमादा केंद्र और सूबे की सरकारें चाहती हैं कि इस आंदोलन को माओवादियों के प्रभाव में धकेल दिया जाए ताकि सरकार की बड़ी हिंसा से उसका दमन किया जा सके। 27 फरवरी, 2016 को आंदोलनकारी गाँव के युवा की हत्या के बाद सरकार और सरकार-कंपनी समर्थक मीडिया ने उसे माओवादी घोषित किया।समाजवादी जनपरिषद के राष्ट्रीय महामन्त्री और नियमगिरी आंदोलन के प्रमुख नेता साथी लिंगराज आजाद ने पुलिस अधीक्षक से मिल कर प्रतिवाद किया तब जाकर उसका शव परिवारजनों को मिला।
राज्यों के मानवाधिकार आयोग फर्जी मुठभेड़ में सुरक्षा बल द्वारा की गयी हत्या के मामलों में आम तौर पर कोई कारगर हस्तक्षेप नहीं करते।
घटना के प्रतिवाद में यह ज्ञापन ग्रामवासियों ने राज्य मानवाधिकार आयोग को दिया है।ओड़िया से अनुवाद मेरा है।
समाजवादी जनपरिषद की सभी जिला इकाइयों को साथी सुनील के स्मृति दिन 21 अप्रैल, 2016 को अपने जिला मुख्यालय पर प्रतिकार धरना देना है तथा नवीन पटनायक,नरेंद्र मोदी को विरोध पत्र भेजना है।
ग्रामवासियों का ज्ञापन-
अध्यक्ष,
राज्य मानवाधिकार आयोग-ओडीशा,
भुवनेश्वर।
महाशय,
हम नीचे हस्ताक्षर करने वाले जिला रायगडा, कल्याणसिंहपुर थानान्तर्गत डंगामाटी ग्राम के वासिन्दा हैं। गत 27 फरवरी 2016,शनिवार की सुबह गाँव के 20 वर्षीय युवा मंद काड्राका , पिता लाची काड्राका तथा डंबरू सिकका , पिटा बुटुडु सिकका साथ-साथ गाँव के समीप अस्कटान पडर में स्वलप वृक्ष का रस एकत्र करने गए थे।उसी समय पहले से छुपे सुरक्षा बल द्वारा बिना कुछ पूछे समझे गोली चला कर मंद काड्राका को मार डाला गया।। डंबरू किसी प्रकार जान बचा कर भाग आया।ग्रामवासी जब घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक का शव देखना चाहा तो पुलिस वालों ने उन्हें डराया धमकाया और लाश को ढक कर ले गए। पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित चित्र तथा प्रत्यक्षदर्शी डंबरू द्वारा दी गयी सूचना से हमें पता चला कि यह डंगामाटी का मंद काड्राका था ।
एक निरीह,निहत्थे डोंगरिया कोंड युवा की सुरक्षा बल द्वारा गोली मार कर की गयी हत्या की बाबत मृतक के भाई ड्रीका काड्राका द्वारा गत 4 मार्च,2016 को कल्याणसिंहपुर थाने में लिखित शिकायत दी गयी थी,जिसकी फ़ोटो नक़ल संलग्न की जा रही है। इस गंभीर मामले की सूचना पुलिस ने प्राथमिकी के तौर पर भी नहीं ली,मुकदमा कायम नहीं किया गया।पुलिस जानबूझकर घटना को अलग रूप देना चाह रही है तथा जिला पुलिस अधीक्षक तथा कलेक्टर भी घटना की निष्पक्ष जांच नहीं करना चाह रहे हैं। उल्लेखनीय है की वेदांत कंपनी द्वारा नियमगिरी पर्वत से बॉक्साइट खनन की योजना के विरोध में हम उस इलाके डोंगरिया कोंड सक्रिय हैं जिसके कारण वेदांत कंपनी, राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन हम पर विगत कुछ वर्षों से जो आतंकराज चला रहे है उसी का ताजा उदाहरण यह फर्जी मुठभेड़ है ।
डोंगरिया कोंड जैसी आदिम जाति के एक धार्मिक आयोजन ‘घाटी पर्व’ के मौके पर सरकार और प्रशासन द्वारा यह अमानुषिक गोली काण्ड की घटना सिर्फ हमारे जीवन का अधिकार नहीं अपितु धर्मगत स्वाधीनता को संकुचित करने के लिए भय का वातावरण बनाने के उद्देश्य से अभिप्रेत थी यह मानने के यथेष्ट कारण है।
इस घटना के सन्दर्भ में आयोग जांच कराके मृतक मंद के परिवार को 50 लाख रूपए क्षतिपूर्ति दे तथा दोषी सुरक्षाकर्मियों पर हत्या का मुकदमा कायम कराए।
इति,
आपके विश्वस्त,
सिकका लद, डंबरू सिकका, प्रमोद सिकका, ड्रेका सिकका,ददि सिकका,हुईका पालू
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नवीन पटनायक सरकार ने इस बीच फिर से रायशुमारी के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका की थी।न्यायालय ने डोंगरिया कोंड समुदाय की और से प्रसिद्ध वकील संजय पारीख को सुनाने के बाद राज्य सरकार की मांग अस्वीकार की तथा सभी प्रभावितों को पकड़ बनाने का आदेश दिया है।
समाजवादी जनपरिषद की प्रत्येक जिला इकाई साथी सुनील के स्मृति दिवस पर अपने जिला मुख्यालय पर धरना दे,सभा करे तथा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री ओडीशा तथा प्रधासन मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपे।
अफलातून
संगठन मंत्री, समाजवादी जनपरिषद
वेदांत विरोधी आंदोलन से जुड़े युवा की सुरक्षा-बल द्वारा हत्या
अप्रैल 3, 2016 अफ़लातून अफलू द्वारा
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