अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (AAL) और भारतीय खाद्य निगम (FCI) का 30 वर्षों का भाडा चुकाने के आश्वासन का समझौता बरसों पहले हो चुका है। फिलहाल अडाणी की कंपनी भारतीय खाद्य निगम के लिए पंजाब हरयाणा,तमिलनाडु,कर्नाटक,महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंग में 5लाख 75 हजार टन खाद्यान्न को सेवा प्रदान करती है।इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश सरकार के लिए यह कंपनी 3 लाख टन संभालती है।इस कंपनी का दावा है कि आने वाले दिनों में बिहार,उत्तर प्रदेश,पंजाब,हरयाणा,महाराष्ट्र तथा गुजरात में 4,000,00 अतिरिक्त खाद्यान्न संभालेगी।खाद्यान्न की मालिक फिलहाल भारतीय खाद्य निगम है।खेती संबंधित नये कानूनों के तहत खाद्यान्न ‘अनिवार्य वस्तु’ नहीं रह गए हैं तथा इनकी जमाखोरी पर से अंकुश हटा दिया गया है।
सिर्फ गेहूं के लिए AAL और FCI के बीच देश भर से गेहूं जुटाने का जो समझौता है उसके तहत अडाणी ने 7 बेस (आधार) और फील्ड (क्षेत्रीय) डीपो बनाए हैं।इन भंडारों से अडाणी के अपने रेल मालवाहक डिब्बे जुड़े हुए हैं।कंपनी ने देश को दो सर्किट में बांटा है,इनकी क्षमता भी नीचे दी जा रही है-
सर्किट 1
बेस डिपो भंडारण क्षमता (मेट्रिक टन)
मोगा (पंजाब) 2000,000
फील्ड डिपो भंडारण क्षमता (मेट्रिक टन)
चेन्नै 25,000
कोयंबटूर 25,000
बंगलुरु 25,000
सर्किट 2
बेस डिपो भंडारण क्षमता (मेट्रिक टन)
कैथल (हरयाणा) 2000,000
फील्ड डिपो भंडारण क्षमता (मेट्रिक टन)
नवी मुंबई (महाराष्ट्र) 50,000
हुगली 25,000
दोनों बेस डिपो में इकट्ठा गेहूं देश भर में जिन इलाकों में गेहूं की कमी है उन इलाकों में बनाए गए फील्ड डिपो में पहुंचाया जाता है।
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