Feeds:
पोस्ट
टिप्पणियाँ

Posts Tagged ‘बीबीसी डॉक्युमेन्टर’

६ अगस्त १९४५ को जापान के हिरोशिमा और ९ अगस्त को नागासाकी शहर पर अमेरिका ने परमाणु बम गिराए थे । स्वीडन के नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकवादी हेनेस आल्फवे ने इसे प्रलयंकारी बीमार मानसिकता का द्योतक बताया था । मेगाटन , मेगावाट  की तरह दस लाख मौत के लिए ‘ मेगाडेथ ‘ शब्द आ गया । हेनेस आल्फवे ने यह  भी कहा कि इन्हें ‘शस्त्र ‘ या ‘हथियार’ कहना अनर्थकारी होगा , गलत उपयोग होगा । इन्हें anhilators – विध्वंसक या सत्यानाशक कहना चाहिए ।

    बहरहाल , आज हम परमाणु उर्जा के कथित शंतिमय प्रयोग की विध्वंसक घटना चेर्नोबिल की चर्चा करेंगे । गुजरात के वरिष्ट गांधीजन कांति शाह के ‘चेर्नोबिल की विभीषिका’ नामक आलेख के आधार पर यह प्रस्तुति है । आलेख के साथ – साथ हम चेर्नोबिल दुर्घटना पर बी बी सी के वृत्त चित्र को भी दिखाते जाएंगे ।

    दुनिया को परमाणु बिजली संयंत्र के राक्षसी स्वरूप का तार्रुफ़ चेर्नोबिल करा गया है । २६ अप्रैल , १९८६ को चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र का एक रिएक्टर विस्फोट के साथ फटा। २८०० डिग्री सेन्टिग्रेड की गर्मी से उसकी अग्निज्वाला भभक रही थी , रेडियोधर्मी विकिरण उगलती हुई ।

    दुर्घटना के चार माह बाद उसका पोस्टमार्टम करने के लिए इन्टरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेन्सी ( IAEA ) ने विएना में सम्मेलन आयोजित किया । दुनिया भर के ४२ देशों के करीब ५०० शीर्षस्थ परमाणु वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों ने इसमें भाग लिया । रूस के प्रतिनिधिमण्डल की रहनुमाई कर रहे लेगासोव ने विस्तृत विवरण तथा दुर्घटना के विडियो प्रस्तुत किए । इस विडियो को देख लंदन के ‘ऑब्ज़र्वर’ के नुमाइन्दे जेफ़ी ली ने लिखा :

” हम नज़र के सामने परमाणु रिएक्टर को भयंकर रूप से भभक कर जलते हुए देख रहे थे । हमारी साँस अटक गयी थी । सब को हिला देने वाले लमहे थे । परमाणु उद्योग के सर्वोच्च संचालक यहाँ जुटे थे । अब तक  कट्टर धार्मिक जुनून की भाँति वे बाँग देते आए थे कि परमाणु संयंत्र सम्पूर्ण सुरक्षित हैं तथा ऐसी दुर्घटना की लेश मात्र संभावना नहीं है । परंतु यहाँ अपनी नजरों के सामने वे दोजख़ के विकराल जबड़ों जैसी दारुण घटना को भयभीत नजरों से निहार रहे थे । “

  परमाणु रिएक्टर भीषण विस्फोट के साथ फटा। मानो उस के भीतर आधे TNT का बम फटा हो ! अमेरिकन पत्रिका ‘न्यू साइन्टिस्ट’ के शब्दों में – ” यह लगभग परमाणु बम फटने जैसा था । ” अमेरिकी साप्ताहिक ‘न्यूजवीक’ के अनुसार – ” हिरोशिमा और नागासाकी पर छोड़े गए परमाणु बम के वक्त जितना विकिरण हुआ था , उतना अथवा उससे अधिक विकिरण चेर्नोभिल की दुर्घटना के वक्त फैला था ।”

    रिएक्टर के अलावा आसपास के तीसेक स्थानों पर आग की प्रचण्ड ज्वाला भभक रही थी । संयत्र की छत एक विस्फोट के साथ उड़ गयी थी ।रेडियोधर्मी पदार्थ चारों तरफ फैल रहा था । वह भी धधक रहा था । नतीजन ,मानो  ‘परमाणु आतिशबाजी ‘ हो रही थी । हवा की दिशा के मुताबिक रेडियोधर्मी परमाणु रज रूस और यूरोप के अन्य देशों में छा रहे थे ।

[ अगले भाग में : दुनिया को दुर्घटना की सूचना कैसे मिली ]

 

वृत्त चित्र भी जारी है । विडियो का क्रम ऊपर से नीचे तीन , दो और एक का है। सब से पहले नीचे का देखें।

Read Full Post »

%d bloggers like this: