जिलाधिकारी,मऊ।
इस संदेश द्वारा मैं आज सुबह घटित एक आपराधिक घटना की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं।हमारे पंजीकृत राजनैतिक दल-समाजवादी जनपरिषद के प्रान्तीय संगठन मन्त्री साथी विक्रमा मौर्य अपने गांव के स्व. राजेन्द्र मौर्य की हत्या में गवाह हैं और गवाही दे चुके हैं।इस हत्या के नामजद अभियुक्तों द्वारा उन्हें गवाही न देने के लिए धमकाया जा रहा था जिसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को दी थी।यह अभियुक्त जमानत पर रिहा हैं तथा आज एक सूमो वाहन पर सवार होकर चौथी मील के निकट साइकिल पर सिपाह जा रहे साथी विक्रमा मौर्य पर हत्या की नियत से इन लोगों ने वाहन चढ़ा दिया।वे पलट कर जब दूसरी बार विक्रमा पर गाड़ी चढ़ाने जा रहे थे तब प्रत्यक्षद्र्शियों के शोर मचाने से भाग गये।पूर्व बी.डी.सी. सदस्य विक्रमा मऊ सदर अस्पताल में जीवन संघर्ष कर रहे हैं। आप से निवेदन है कि शासकीय अधिवक्ता द्वारा हत्या के मामले में जमानत पर रिहा इन लोगों की जमानत रद्द करवाने के लिए आवेदन का निर्देश दें।तथ सुनिश्चित करें कि विक्रमा मौर्य द्वारा मधुबन थाने में दी गई तहरीर पर मुकदमा कायम कर तत्काल कार्रवाई हो।
विनीत,
अफलातून,
सदस्य,राष्ट्रीय कार्यकारिणी,समाजवादी जनपरिषद.
5जी एफ रीडर्स फ्लैट,जोधपुर कॉलॉनी,का,हि.वि.वि.,
वाराणसी – 221005,फोन – 08004085923
इन्हें भेजिए,बात कीजिए ः
मुख्यमन्त्री ,उत्तर प्रदेश ई-मेल cmup@nic.in
पुलिस महानिरीक्षक,वाराणसी जोन – ईमेल igzonevns@up.nic.in
जिलाधिकारी मऊ , फोन- 09454417523 , ईमेल – dmmau@nic.in
पुलिस अधीक्षक मऊ, मो. 09454400292 , Email – spmau@up.nic.in
Posts Tagged ‘हमला’
संगठन मंत्री साथी विक्रमा मौर्य पर प्राणघातक हमला/ साथ दीजिए
Posted in criminalisation, samajwadi janparishad, tagged विक्रमा मौर्य, समाजवादी जनपरिषद, हमला on मार्च 21, 2013| 5 Comments »
शमीम मोदी पर हमले की जाँच सी.बी.आई को
Posted in madhya pradesh, politics, samajwadi janparishad, women, tagged महाराष्ट्र सरकार, शमीम मोदी, समाजवादी जनपरिषद, सीबीआई, हमला, हरदा on अगस्त 30, 2009| 5 Comments »
महाराष्ट्र सरकार ने समाजवादी जनपरिषद की नेता शमीम मोदी पर ठाणे जिले के वाशी में हुए प्राण घातक हमले की जाँच केन्द्रीय जाँच ब्यूरो से कराने की सिफारिश की है । शेतकारी कामगार पार्टी के नेता श्री एन.डी. पाटिल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल को महाराष्ट्र के गृह मन्त्री श्री जयन्त पाटील ने यह बात बताई है । प्रतिनिधिमण्दल में समाजवादी जनपरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव साने तथा महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष शिवाजी गायकवाड़ शामिल थे ।
गौरतलब है कि समाजवादी जनपरिषद मध्य प्रदेश की उपाध्यक्ष शमीम मोदी पर गत २३ जुलाई को कातिलाना हमला हुआ था । शमीम ने आशंका प्रकट की थी कि हरदा के भाजपा विधायक और म.प्र. शासन के पूर्व मन्त्री कमल पटेल तथा जंगल की अवैध कटाई से जुड़े हरदा के आरा मशीन मालिकों के नेता नटवर पटेल का इस हमले के पीछे हाथ है । शमीम हरदा – बेतूल जिलों में मजदूरों ,महिलाओं,आदिवासी तथा किसानों के संघर्षों की रहनुमाई करती आई है ।
इस हमले की प्रतिक्रिया देश भर में हुई तथा महाराष्ट्र शासन से हमलावरों को पकड़ने की माँग की गई । स्थानीय पुलिस की असफलता को देखते हुए जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराई जाए यह मांग जोर पकड़ रही थी ।
१० – ११ अगस्त को शमीम के कार्यक्षेत्र हरदा में हुई दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया था कि देश भर में २३ -से ३० अगस्त तक इस हमले के प्रतिकार में कार्यक्रम लिए जाएंगे । इस फैसले के अनुरूप भोपाल , मुम्बई,हरदा , खण्डवा ,बैतूल ,इटारसी,केरल और दिल्ली में धरना ,सभा ,प्रदर्शन के कार्यक्रम हुए ।
समाजवादी जनपरिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील , श्रमिक आदिवासी संगठन के अनुराग तथा किसान आदिवासी संगठन से जुड़े जनपद उपाध्यक्ष फागराम ने महाराष्ट्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है ।
ब्लॉग पाठकों द्वारा दिए गए नैतिक समर्थन का हम शुक्रगुजार हैं ।
हम लड़ेंगे – हम जीतेंगे !
शमीम मोदी पर प्राण घातक हमला
Posted in criminalisation, madhya pradesh, politics, samajwadi janparishad, women, tagged attack, मध्य प्रदेश, वसई, शमीम, शमीम मोदी, समाजवादी जनपरिषद, हमला, criminalisation, madhya pradesh, samajwadi janaparishad, shamim on जुलाई 27, 2009| 25 Comments »
[ इस चिट्ठे के पाठक हमारे दल समाजवादी जनपरिषद की प्रान्तीय उपाध्यक्ष साथी शमीम मोदी की हिम्मत और उनके संघर्ष से अच्छी तरह परिचित हैं । हिन्दी चिट्ठों के पाठकों ने शमीम की जेल यात्रा के दौरान उनके प्रति समर्थन भी जताया था ।
गत दिनों उन्होंने प्रतिष्ठित शोध संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ ,मुम्बई में बतौर एसिस्टेन्ट प्रोफेसर काम करना शुरु किया है । वे अपने बेटे पलाश के साथ मुम्बई के निकट वसई में किराये के फ्लैट में रह रही थीं ।
मध्य प्रदेश की पिछली सरकार में मन्त्री रहे जंगल की अवैध कटाई और अवैध खनन से जुड़े माफिया कमल पटेल के कारनामों के खिलाफ़ सड़क से उच्च न्यायालय तक शमीम ने बुलन्द आवाज उठाई । फलस्वरूप हत्या के एक मामले में कमल पटेल के लड़के को लम्बे समय तक गिरफ़्तारी से बचा रहने के बाद हाल ही में जेल जाना पड़ा ।
गत दिनों जिस हाउसिंग सोसाईटी में वे रहती थीं उसीके चौकीदार द्वारा उन पर चाकू से प्राणघातक हमला किया गया । शमीम ने पूरी बहादुरी और मुस्तैदी के साथ हत्या की नियत से हुए इस हमले का मुकाबला किया । उनके पति और दल के नेता साथी अनुराग ने इसका विवरण भेजा है वह दहला देने वाला है । हम शमीम के साहस , जीवट और हिम्मत को सलाम करते हैं । आप सबसे अपील है कि महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री को पत्र या ईमेल भेजकर हमलावर की गिरफ़्तारी की मांग करें ताकि उसके पीछे के षड़यन्त्र का पर्दाफाश हो सके । कमल पटेल जैसे देश के शत्रुओं को हम सावधान भी कर देना चाहते हैं कि हम गांधी – लोहिया को अपना आदर्श मानने वाले जुल्मी से टकराना और जुल्म खत्म करना जानते हैं । प्रस्तुत है अनुराग के पत्र के आधार पर घटना का विवरण । ]
मित्रों ,
यह शमीम ही थी जो पूरे शरीर पर हुए इन घातक प्रहारों को झेल कर बची रही । ज़ख्मों का अन्दाज उसे लगे ११८ टाँकों से लगाया जा सकता है । घटना का विवरण नीचे मुताबिक है –
२३ जुलाई को हाउसिंग सोसाइटी का चौकीदार दोपहर करीब सवा तीन बजे हमारे किराये के इस फ्लैट में पानी आपूर्ति देखने के बहाने आया । शमीम यह गौर नहीं कर पाई कि घुसते वक्त उसने दरवाजा अन्दर से लॉक कर दिया था । फ्लैट के अन्दर बनी ओवरहेड टंकी से पानी आ रहा है या नहीं यह देखते वक्त वह शमीम का गला दबाने लगा। उसकी पकड़ छुड़ाने में शमीम की दो उँगलियों की हड्डियाँ टूट गईं । फिर उसके बाल पकड़कर जमीन पर सिर पटका और एक बैटन(जो वह साथ में लाया था) से बुरी तरह वार

भोपाल में शमीम की रिहाई के लिए
करने लगा । वह इतनी ताकत से मार रहा था कि कुछ समय बाद वह बैटन टूट गया । शमीम की चोटों से बहुत तेजी से खून बह रहा था । शमीम ने हमलावर से कई बार पूछा कि उसे पैसा चाहिए या वह बलात्कार करना चाहता है । इस पर वह साफ़ साफ़ इनकार करता रहा । शमीम ने सोचा कि वह मरा हुआ होने का बहाना कर लेटी रहेगी लेकिन इसके बावजूद उसने मारना न छोड़ा तथा एक लोहा-काट आरी (जो साथ में लाया था ) से गले में तथा कपड़े उठा कर पेट में चीरा लगाया । आलमारी में लगे आईने में शमीम अपनी श्वास नली देख पा रही थी । अब शमीम ने सोचा कि बिना लड़े कुछ न होगा । उसने हमालावर से के हाथ से आरी छीन ली और रक्षार्थ वार किया । इससे वह कुछ सहमा और उसने कहा कि रुपये दे दो । शमीम ने पर्स से तीन हजार रुपये निकाल कर उसे दे दिए । लेकिन उसने एक बार भी घर में लॉकर के बारे में नहीं पूछा । अपने बचाव में शमीम ने उससे कहा कि वह उसे कमरे में बाहर से बन्द करके चला जाए । वह रक्तस्राव से मर जाएगी । शमीम अपना होश संभाले हुए थी । वह पलाश के कमरे में बन्द हो गयी (जो कमरा हकीकत में अन्दर से ही बन्द होता है )। हमलावर बाहर से कुन्डी लगा कर चला गया । शमीम ने तय कर लिया था कि वह होशोहवास में रहेगी और हर बार जब वह चोट करता , वह उठ कर खड़ी हो जाती । हमलावर के जाने के बाद वह कमरे से बाहर आई और पहले पड़ोसियों , फिर मुझको और अपने माता-पिता को खबर दी। अस्पताल ले जाते तक वह पूरी तरह होश में रही ।

दाँए से बाँए:शमीम,पन्नालाल सुराणा,स्मिता
कुछ सवाल उठते हैं : चौकीदार ने लॉकर खोलने की कोशिश नहीं की जो वहीं था जहाँ वह शमीम पर वार कर रहा था । उसने पैसे कहां रखे हैं इसके बारे में बिलकुल नहीं पूछा । वह गालियाँ नहीं दे रहा था और उसके शरीर को किसी और मंशा से स्पर्श नहीं कर रहा था । यदि वह मानसिक रोगी या वहशी होता तो शायद शमीम उससे नहीं निपट पाती । वह सिर्फ़ जान से मारने की बात कह रहा था । शमीम के एक भी सवाल का वह जवाब नहीं दे रहा था । सेल-फोन और लैपटॉप वहीं थे लेकिन उसने उन्हें नहीं छूआ । इन परिस्थितियों में हमें लगता है कि इसके पीछे कोई राजनैतिक षड़यन्त्र हो सकता है ।
शमीम को मध्य प्रदेश के पूर्व राजस्व मन्त्री कमल पटेल और उसके बेटे सन्दीप पटेल से जान से मारने की धमकियाँ मिलती रही हैं । इसकी शिकायत हमने स्थानीय पुलिस से लेकर पुलिस महानिदेशक से की हैं । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर २००५ की शुरुआत से २००७ के अन्त तक उसे सुरक्षा मुहैय्या कराई गई थी । इसलिए हमें उन पर शक है । हमले के पीछे उनका हाथ हो सकता है ।
पेशेवर तरीके से कराई गयी हत्या न लगे इस लिए इस गैर पेशेवर व्यक्ति को इस काम के लिए चुना गया होगा । जब तक राकेश नेपाली नामक यह हमलावर गिरफ़्तार नहीं होता वास्तविक मन्शा पर से परदा नहीं उठेगा ।
हम सबको महाराष्ट्र शासन और मुख्यमन्त्री पर उसकी गिरफ़्तारी के लिए दबाव बनाना होगा ।
अनुराग मोदी
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