सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए भोपाल गैस कांड संबंधी फैसले से हर देश प्रेमी आहत हुआ है | पचीस साल पहले राजेन्द्र राजन ने इस मसले पर कवितायें लिखी थीं , इस निर्णय के बाद यह कविता लिखी है |
भोपाल-तीन
हर चीज में घुल गया था जहर
हवा में पानी में
मिट्टी में खून में
यहां तक कि
देश के कानून में
न्याय की जड़ों में
इसीलिए जब फैसला आया
तो वह एक जहरीला फल था।