ब्लागवाणी देशज भाषाओं के ब्लाग्स का भारतीय एग्रीगेटर है.
ब्लागवाणी पूरक है, सहायक है, किसी भी एग्रीगेटर का विकल्प नहीं है.
जितने भी अधिक ब्लाग्स एग्रीगेटर या देशी भाषाओं की वेबसाईटें होंगीं, उतना ही देशी भाषाओं का प्रसार और प्रचार होगा, उतने ही अधिक पाठक आयेंगे. ब्लागवाणी भी अपने साथ पाठक समूह को समेटेगा और देशी भाषाओं के प्रसार और प्रचार में अपना योगदान देगा.
ब्लागवाणी को हमने 19 जून 2007 से बनाना शुरू किया. शुरूआत में इसको पीएचपी में बनाया जा रहा था पर 22 जून से इसे एएसपी.नेट में बनाना शुरू किया गया. लगभग एक माह में इसे पूरा कर के अन्तरजाल पर डाल देने की योजना है. इसकी परिकल्पना में श्री रवि रतलामी के लेख मेरा नारद कैसा हो, तेरी चाहत जैसा हो ब्लाग एग्रीगेटर के लिये 10 कमान्डमेन्ट्स का बड़ा योगदान रहा. हम आभारी हैं रवि जी आपके. इसकी समस्त प्रोग्रामिंग सिरिल द्वारा की जा रही है.
ब्लागवाणी कि परिकल्पना देशज भाषाओं के ब्लाग एग्रीगेटर के रूप में की गई है, प्रथम चरण में हम केवल हिन्दी को ले रहे हैं. धीरे धीरे इसमें अन्य भाषायें भी आतीं जायेंगी. सभी भाषायें लेने का उद्देश्य इतना भर है कि अन्य भाषाओं के पाठक भी एक दूसरे की भाषा को पढ़ पायें.
आप हिन्दी ब्लागर्स के संपर्क में आकर मुझे आपसे इस काम की प्रेरणा मिली, आपका आभारी हूं मैं.
हमें आपके सुझावों की प्रतीक्षा है
आपका
मैथिली गुप्त
सम्पर्क : 76/2 गढी़, जीके हाउस के सामने, इस्कान टेम्पल रोड
सन्त नगर ईस्ट आफ कैलाश, नई दिल्ली-110065
ई-मेल: blogvani (at) cafehindi ( dot) com
साभार : blogvani.com
आदरणीय अफलातून जी, धन्यवाद.
हम कोशिश करेंगे कि ब्लागवाणी पूरी तरह आपकी उम्मीदों पर खरी उतर सके.
अभी भी इसका बना जारी है. इसके प्रथम चरण में लगभग एक सप्ताह का समय और लग सकता है.
आपके माध्यम से ब्लोगवाणी के बारे में पता चला. जानकार प्रसन्नता हुई. हिन्दी ब्लोगजगत ब्लोगवाणी से लाभांवित होता रहेगा. हमारी शुभकामनाएं.
आपके माध्यम से जानकर खुशी हुई की यह नारद का पूरक है, सहायक है, विकल्प नहीं है.
नई जानकारी के लिए धन्यवाद।
अफलातून जी, आपने उपरोक्त लेख का संदर्भ ठीक से नहीं दिया। किसी अन्य साइट से इस तरह की जानकारी क़ोट करते वक्त पहले दो-चार लाइन में भूमिका लिखनी चाहिए, फिर उसे Quote टूलबार बटन आदि के प्रयोग द्वारा क़ोट करना चाहिए। आपकी पोस्ट से ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि ब्लॉगवाणी इस चिट्ठे के लेखक द्वारा बनाया गया हो, मतलब नया पाठक इससे भ्रमित हो सकता है।
मेरी अग्रिम बधाईयाँ स्वीकार करें… 🙂 मुझे पूरा विश्वास है कि ब्लॉगवाणी एक उत्तम एग्रीगेटर सिद्ध होगा और आशाओं की पूर्ति करेगा…
जानकारी हेतु धन्यवाद. ब्लौगवाणी के पीछे जितने भी लोग हैं सबको शुभकामनायें.
कही न कहीं हमारी यह चिंता भी होनी चाहिये कि ब्लौग पढ़ने वाले कैसे बढाये जायें.
हमें भी ब्लागवाणी के संम्पूर्ण रूप से आने का इन्तजार है । बधाई स्वीकार करें!
बहुत बहुत बधई जी उम्मीद है ये हम सब की आशाओ के अनुरूप तथा आपकी सभी परिकल्पनाओ को पूर्ण करेगा
ब्लॉगवाणी के लिये शुभकामनायें एवं बधाई!! मैथली जी साधुवाद के पात्र हैं.
ब्लॉगवाणी के बारे मे जानकार ख़ुशी हुई ।
हमारी शुभकामनायें ।
ब्लागवाणी के लिये शुभकामनाएं
बडा ही सराहनीय प्रयास है…हमारी शुभकामनाये और सहयोग साथ-साथ है.
[…] ब्लागवाणी क्यों? […]
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