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Posts Tagged ‘नरेंद्र मोदी’


2010 में 10 गुजराती हीरा तस्करों को चीन में 73 लाख अमेरिकी डॉलर के 14,000 कैरेट हीरों की तस्करी में सजा हुई।इनके अलावा 12 गुजराती तस्करों पर जुर्माना लगा कर स्वदेश प्रत्यर्पित कर दिया गया।
भारत के सँविधान के अनुसार अंतरराष्ट्रीय राजनय केंद्र सरकार कर सकती है।गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी खुद चीन चले गए तथा उन्होंने सार्वजनिक तौर पर दावा किया कि उनकी पहल पर चीन ने गुजराती हीरा तस्करों की रिहाई में कुछ मुरव्वत की।
चीन में उन्हें तत्कालीन भारतीय राजदूत का सहयोग अवश्य मिला।
चीन में भारत के राजदूत तथा गवांगझाऊ के वाणिज्य दूतावास प्रभारी इंद्रमणि पांडे गिरफ्तार तस्करों से जेल में मिले थे।
श्री मोदी ने जेल में बंद गुजराती तस्करों को शाकाहारी भोजन मुहैया कराने के लिए आभार प्रकट किया था।
चीन में भारत के तत्कालीन राजदूत को इस राजनय का श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर पुरस्कार मिला।आज वे भारत के विदेश मंत्री हैं, सुब्रमण्यम जयशंकर।
जनता लंबे समय तक खबरें याद नहीं रख पाती,इसलिए याद दिलाया।

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सत्ता में आने के लिए नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि आपराधिक मामलों वाले विधायकों,सांसदों पर विशेष अदालतें बना कर सर्वोच्च न्यायालय के जज की देखरेख में मामले चलाए जाएंगे ताकि साल भर के भीतर ऐसे सभी लोग जेल के भीतर हो जाएंगे। (वीडियो में यही कह रहे हैं)
*पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत दर्जनों लोगों की बर्बर हत्या के मामले में खुद नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने के बावजूद हस्तक्षेप न करने के कारण हत्या का मामला बनता है अथवा नहीं इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने विचार करना स्वीकार किया है।
*सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अमित शाह को हत्या के मामले में गुजरात प्रान्त प्रवेश पर रोक लगाई गई थी।न विशेष अदालत बनी,न सर्वोच्च न्यायालय के जज की देखरेख में मामला चला।वे बरी हो गए।
*गुजरात कैडर के सर्वाधिक IPS अफसर गंभीर आपराधिक मामलों में जेल में थे।विशेष अदालत में सर्वोच्च न्यायालय के जज की देखरेख में मामले नहीं चले,वे बाहर हैं।
*समझौता एक्सप्रेस आतंकी विस्फोट मामले के फैसले में जज ने कहा कि सर्वोत्तम साक्ष्य नहीं पेश किए गए इसलिए अभियुक्त बरी किए जा रहे हैं।मोदी और जेटली इन आतंकियों से पूरे हिन्दू समाज को जोड़ने का जैसा प्रयास कर रहे हैं उससे स्पष्ट है कि सत्ता में बने रहने पर आगे की अदालत में सरकार अपील करने से रही।मालेगांव आतंकी विस्फोट मामले को भी लाचार तरीके से देखा गया।
*HSBC, पनामा पेपर्स,PNB चोरी,राष्ट्रीकृत बैंकों के बकाया जैसे आर्थिक मामलों में पूरी ढिलाई बरती गई।
*नोटबंदी द्वारा काले धन के भंडार को नए नोटों में बदलने की व्यवस्था की गई।
ई है इनकी चौकीदारी!

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