जब बुनियादी सवालों पर प्रमुख दलों में वैचारिक अन्तर न रह गया हो तब हार – जीत के नकली कारण प्रकट होने लगते हैं । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की आशा से अधिक सफलता से प्रफुल्लित मनमोहन सिंह से लगायत छुटभैय्ये कांग्रेसी और उनकी मस्केबाजी करने वाले टेवि चर्चाकार बेशर्मी से क्या-क्या कह रहे हैं ?
१. इसका श्रेय राहुल गांधी के प्रचार अभियान को जाता है ।
२. किसानों की कर्ज माफी का लाभ हमें मिला ।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधान मन्त्री का उम्मीदवार न बना कर यह चुनाव लड़ा इसलिए वंशवाद के जायज आरोप से बची रही ।
चौधरी देवीलाल द्वारा १० हजार रुपये तक के किसानों के कर्ज जब माफ किए गए थे तब अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने उस कदम को गलत ठहराया था और कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था का नुकसान हुआ है ।
मौजूदा चुनाव का सबसे बड़ा सबक होगा कि जब प्रमुख दलों में मुख्य नीतियों में फरक न रह जाए तब एक संघर्षशील प्रतिपक्ष को खड़ा करने के लिए सक्रिय हुआ जाए ।
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कांग्रेस के झूठ को पहचानना जरूरी है
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